Types of Mutual Funds in Hindi 2024: क्या आप जानते है म्यूच्यूअल फण्ड कितने तरह के होते है ?

Types of Mutual Funds

Types of Mutual Funds in Hindi: म्यूचुअल फंड में निवेश करना अच्छा माना जाता है। कहा जाता है कि यदि किसी को शेयर बाजार के बारे में पूरी तरह से जानकारी नहीं हो, तो म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना एक सुरक्षित और सुगम तरीका है। यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है जो व्यक्ति को स्टॉक मार्केट में निवेश करने का अनुभव नहीं है।

Table of Contents

म्यूचुअल फंड्स कितने प्रकार के होते हैं  (How many types of mutual funds)

Mutual Funds बहुत तरह के होते है जैसे की एसेट के आधार पर ,स्ट्रक्चर के आधार पर ,इन्वेस्टमेंट के आधार पर ,और रिस्क के आधार पर आदि। आइए जानते है म्यूच्यूअल फंड्स के कौन-कौन से प्रकार है ।

Types of Mutual Funds

एसेट के आधार पर (Based on asset class)

एसेट के आधार पर म्यूच्यूअल फण्ड को 8 भागों में बाटा गया है।

1.) इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Funds)

Equity Fund एक ऐसी निवेश कैटेगरी हैं जो सामान्य और उच्च रिस्क वाली होती हैं। इसे लार्ज, मिड, और स्मॉल कैप सब-कैटेगरी में विभाजित किया गया है।
ये फंड विशेष रूप से विभिन्न कंपनियों के शेयर में निवेश करते हैं, इक्विटी म्यूचुअल फंड में, फंड मैनेजर सम्पूर्ण निवेश को स्टॉक मार्केट में निवेश करता है।

लार्ज कैप फंड्स में जिनकी मार्केट कैपिटलाइज़ेशन  20,000 करोड़  रुपये या उससे अधिक वाली बड़ी कंपनियों में लगाया जाता है। मिड कैप फंड्स में  जिनकी मार्केट कैपिटलाइज़ेशन 5,000 करोड़ से अधिक पर 20,000 करोड़ से कम है। वहीं, स्मॉल कैप फंड्स में जिनकी मार्केट कैपिटलाइज़ेशन 5,000 करोड़ रुपये से कम वाली छोटी कंपनियों में लगाया जाता है।

2.) डेट म्यूचुअल फंड्स (Debt Mutual Funds)

डेट फंड्स एक अच्छा फंड हैं उन निवेशकों के लिए जो जोखिम से बचना चाहते हैं। इन फंड्स में निवेश करते समय ध्यान दिया जाता है कि प्रमुख निवेश साधनों में जैसे कि फिक्स्ड इनकम ट्रेजरी बिल, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश किया जाए। डेट फंड्स में स्थिरता होती है और बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है। इसलिए, जो निवेशक कम जोखिम चाहते हैं, उनके लिए डेट फंड्स एक उत्तम विकल्प हो सकते हैं।

3.) हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स (Hybrid Mutual Funds)

हाइब्रिड फंड (बैलेंस्ड फंड) नाम से ही प्रकट होता है की यह इक्विटी और डेट फंड को मिक्स करके बनाया गया है। ये ऐसे निवेशकों के लिए है, जो बाजार का फायदा तो लेना चाहते हैं, लेकिन जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। इसकी दो सब-कैटेगरी होती है। पहली एग्रेसिव हाइब्रिड फंड और दूसरा बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड।

1.) एग्रेसिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Aggressive Hybrid Mutual Funds)

एग्रेसिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंड वित्तीय उत्पाद हैं जो इक्विटी और डेब्ट निवेशों का मिश्रण प्रदान करते हैं। इन फंडों में आमतौर पर 65-80% निवेश इक्विटी और बाकी का हिस्सा डेट या फिक्स्ड इनकम निवेशों में किया जाता है। ये निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं जो उच्च लाभ और मध्यम जोखिम की तलाश में होते हैं। इन फंडों का मुख्य लक्ष्य होता है पुनर्जीवन, अधिकतम निवेश रिटर्न और साथ ही वित्तीय स्थिरता का संरक्षण करना। एग्रेसिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं जो स्थिरता के साथ लंबे समय तक निवेश करना चाहते हैं।

2.) बैलेंस्ड हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Balanced Hybrid Mutual Funds)

संतुलित हाइब्रिड म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए उपलब्ध होते हैं जो न केवल बाजार के फायदे का आनंद लेना चाहते हैं, बल्कि जोखिमों को कम करने का भी इच्छुक हैं। ये फंड इक्विटी और डेब्ट के बीच संतुलित मिश्रण प्रदान करते हैं, जो 40% से 60% है। इनमें दो प्रमुख श्रेणियाँ होती हैं: एग्रेसिव बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड जो ज्यादा इक्विटी के साथ होते हैं, और कंसर्वेटिव बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड जो अधिक डेब्ट के साथ होते हैं।

4.) वैल्यू म्यूचुअल फंड (Value Mutual Funds)

ये फंड वैल्यू निवेश रणनीति का अनुसरण करते हैं और उन कंपनियों को पहचानने का उद्देश्य है जो मूल्य में कमी होती है।

5.) कोंट्रा म्यूचुअल फंड (Contra Mutual Funds)

ये फंड उन शेयरों में निवेश करते हैं जो वर्तमान में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, ताकि बाजार के ट्रेंड में बदलाव होने पर लाभ हो सके। इस तरह का निवेश करके, वे ऐसे स्टॉक्स का चयन करते हैं जो संभावना से ऊपर जा सकते हैं और निवेशकों को मौका प्रदान कर सकते हैं।

6.) ELSS म्यूचुअल फंड (ELSS Mutual Funds)

ELSS या इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम वह म्यूचुअल फंड है जो मुख्य रूप से इक्विटी मार्केट में निवेश करते है। इसका मुख्य लाभ यह है कि यह आयकर अधिनियम के अंतर्गत निवेशकों को टैक्स बचाने की सुविधा प्रदान करते है।

7.) लिक्विड म्यूचुअल फंड (Liquid Mutual Funds)

ये फंड शार्ट टर्म मनी मार्किट पेपर्स में निवेश करते हैं और इसलिए उन्हें लो रिस्क और हाई लिक्विडिटी का सामना करना पड़ता है।

8.) इक्विटी सेविंग्स म्यूचुअल फंड (Equity Savings Mutual Funds)

ये फंड अपने पैसे को इक्विटी, स्थिर आजीविका पत्रियों और हेजिंग उपकरणों (Stablecoins and hedging instruments) में समान रूप से वितरित करते हैं। इससे आपको स्थिर लाभ मिलता है।

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स्ट्रैक्चर के आधार पर (Based on Structure)

स्ट्रैक्चर के आधार पर म्यूच्यूअल फण्ड को 3 भागों में बाटा गया है।

1.) ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड (Open-Ended Mutual Funds)

ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड ये वह फण्ड है जो निवेश को उन्ही की फण्ड का चयन करने का मौका देती है, ताकि वे फंड के व्यापार को समझ सकें और मौजूदा नेट एसेट वैल्यू (NAV) पर निकालने का निर्णय कर सकें। इसका कारण है कि इन फंड्स की इकाइयों की मात्रा समय-समय पर बदलती रहती है, जो निवेशकों को किसी भी समय फंड की (NAV) के आधार पर इकाइयों को खरीदने और बेचने की अनुमति देते हैं।

2.) क्लोज-एंडेड म्यूचुअल फंड (Close Ended Mutual Fund)

“क्लोज एंडेड” का अर्थ है कि इसमें निवेशकों को नियमित अवधि के लिए बंद रखा जाता है, और कम से कम तीन साल का समय देना होता है। इसे “लॉक-इन पीरियड” भी कहा जा सकता है। यह पीरियड तीन साल से लेकर 15 साल तक का हो सकता है। यह फंड न्यू फंड ऑफर के समय खरीदा जा सकता है। म्यूचुअल फंड का फायदा यह है कि निवेशक आसानी से किसी भी समय मौजूदा NAV के हिसाब से इसे खरीद और बेच सकते हैं।

3.) अंतराल म्यूचुअल फंड (Interval Mutual Funds)

अंतराल फंड बंद-समाप्ति फंड और खुले-समाप्ति फंड दोनों से सुविधाएँ प्रदान करते हैं। इन्हें निवेशक अक्सर यूनिट्स को खरीदने या बेचने की अनुमति नहीं होती। ये फंड एक स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड हो सकते हैं, और निर्धारित समय में सम्पत्ति मूल्य (NAV) पर मुद्रापन की अनुमति हो सकती है।

समाधान-मुद्दा म्यूचुअल फंड (Solution-Oriented Mutual Funds)

समाधान-मुद्दा म्यूचुअल फंड को 2 भागों में बाटा गया है।

1.) रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड (Retirement Mutual Funds)

देश की कई प्रमुख म्यूचुअल फंड कंपनियां रिटायरमेंट पर ध्यान केंद्रित करने वाले फंड्स प्रदान करती हैं, जिनमें आगे निवेश किया जा सकता है। ये फंड इक्विटी, डेट, हाइब्रिड, और अन्य कैटेगरियों में हो सकते हैं। इनका औसत रिटर्न आम तौर पर फिक्स्ड इनकम वाली योजनाओं की तुलना में बेहतर होता है, लेकिन इसके साथ ही जोखिम भी अधिक होता है। ये फंड निवेशकों को रिटायरमेंट के लिए सामृद्धिक निधि (prosperous fund) बनाने का एक सामर्थ्यपूर्ण विकल्प(Affordable options) प्रदान करते हैं।

2.) चिल्ड्रन्स म्यूचुअल फंड (Children’s Mutual Funds)

चाइल्ड म्यूचुअल फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है, जिसमें बच्चों के नाम से ही खाता खोला जा सकता है। जो विशेष रूप से माता-पिता को अपने बच्चों के भविष्य की शिक्षा की खर्च पर धन बचाने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इस प्रकार के फंड का मुख्य उद्देश्य होता है, कम रिस्क में अधिक रिटर्न प्राप्त करना।

अन्य म्यूचुअल फंड (Other Mutual Funds)

इंडेक्स म्यूचुअल फंड / ईटीएफ़ – Index Mutual Funds / ETFs

इंडेक्स म्यूचुअल फंड विशेष शेयर बाजार के सूची में निवेश करते हैं, जैसे कि निफ्टी 50 या बीएसई सेंसेक्स, और सूची के प्रदर्शन की अनुकरण (List display simulation) करने का लक्ष्य रखते हैं। यह दीर्घकालिक निवेशकों के लिए उपयुक्त है।

फंड्स ऑफ फंड्स (Funds Of Funds)

फंड्स ऑफ फंड्स एक निवेश की प्रक्रिया है जिसमें निवेशक एक म्यूचुअल फंड से अन्य म्यूचुअल फंड की योजनाओं में पूंजी लगाते हैं। इसका अर्थ है कि वे विभिन्न निवेश उद्देश्यों और संपत्ति श्रेणियों के साथ अन्य म्यूचुअल फंड की एक विविधता पोर्टफोलियो में निवेश करते हैं। इस फंड में निवेश करके, निवेशक व्यक्तिगत म्यूचुअल फंड को अनुसंधान और प्रबंधित किए बिना एक चौड़ी श्रेणी की संपत्तियों और निवेश रणनीतियों की पहचान प्राप्त कर सकते हैं।

निवेश लक्ष्यों के आधार पर म्यूचुअल फंड (Mutual Funds Based On Investment Goals)

निवेश लक्ष्यों के आधार पर म्यूचुअल फंड को 5 भागों में बाटा गया है।

1.) टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड (ELSS) – Tax-Saving Mutual Funds (ELSS)

ELSS टैक्स बचत: इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश करने से न केवल आपको रिटर्न मिलेगा, बल्कि आपको टैक्स से भी छूट मिलेगी। इस निवेश पर आपको आयकर विभाग के धारा 80C(Section 80C of Income Tax Department) के तहत 1.5 लाख रुपए तक की कर छूट प्राप्त होती है। ELSS टैक्स बचत इक्विटी म्यूचुअल फंड होते हैं। इन फंड्स में 80 फीसदी निवेश इक्विटी – शेयरों में किया जाता है।

2.) वृद्धि म्यूचुअल फंड (Growth Mutual Funds)

ग्रोथ म्यूचुअल फंड एक निवेश फंड है जो प्रमुख रूप से ग्रोथ शेयरों में निवेश करता है। ये वह शेयर हैं जिन कंपनियों की उम्मीद है कि वे बाजार में अन्य शेयरों की तुलना में औसत से अधिक दर पर बढ़ेंगे।

3.) आजीविका म्यूचुअल फंड (Income Mutual Funds)

आजीविका म्यूचुअल फंड, जिन्हें साधारणतः “ठोस-आजीविका फंड” या “कर्ज फंड” कहा जाता है, विभिन्न वित्तीय उपकरणों में निवेश करते हैं जैसे कि बॉन्ड, ट्रेजरी नोट्स, कॉर्पोरेट बॉन्ड, सरकारी सुरक्षा, और मनी मार्केट उपकरण में निवेश करने का कारगर तरीका है।

4.) तरलता-आधारित म्यूचुअल फंड (Liquidity-Based Mutual Funds)

तरल म्यूचुअल फंड, जिन्हें बाजार फंड भी कहा जाता है, वे ऐसे म्यूचुअल फंड हैं जो अपने पूंजी को ट्रेजरी बिल्स, वाणिज्यिक पत्र, जमा प्रमाणपत्र, और कॉल पैसा बाजार जैसे अल्पकालिक और अत्यधिक तरल पैसे की बाजार उपकरणों में निवेश करके बनाए रखते हैं।

5.) पेंशन म्यूचुअल फंड (Pension Mutual Funds)

पेंशन म्यूचुअल फंड, जिन्हें रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड भी कहा जाता है, निवेशकों के लिए सुरक्षित और नियमित आय प्रदान करने का एक अच्छा तरीका है। ये फंड आमतौर पर बाजार के परिस्थितियों का असर कम करते हैं, क्योंकि वे विभिन्न सुरक्षित और स्थिर निवेश के विकल्पों में निवेश करते हैं। इससे निवेशकों को लंबे समय तक निवेश की चिंता नहीं करनी पड़ती, और वे अपनी रिटायरमेंट की आय को सुनिश्चित कर सकते हैं।

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जोखिम पर आधारित म्यूचुअल फंड (Mutual Funds Based On Risk)

जोखिम पर आधारित म्यूचुअल फंड को 3 भागों में बाटा गया है।

1.) कम जोखिम वाले म्यूचुअल फंड्स (Low-Risk Mutual Funds)

इस फंड में मुख्य रूप से इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया जाता है इनका रिटर्न 6 से 8% के बीच होता है।

2.) मध्यम जोखिम वाले म्यूचुअल फंड्स (Medium-Risk Mutual Funds)

इस फंड में मुख्य रूप से इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया जाता है, जिसके साथ बाकी पैसा डेट में निवेश किया जाता है। इस फंड के अनुमानित रिटर्न 9 से 12% के बीच हो सकते हैं।

3.) उच्च जोखिम वाले म्यूचुअल फंड्स (High-Risk Mutual Funds)

यह फंड उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो बड़े निवेश लाभ कमाना चाहते हैं। इसमें लगभग आपको 30 % से भी अधिक रिटर्न मिल सकता है।

क्षेत्र विशिष्ट म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds Based On Specialty)

सेक्टर म्यूचुअल फंड्स (Sector Mutual Funds)

सेक्टर फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है जो विशिष्ट क्षेत्रों की प्रतिभूतियों में निवेश करता है अर्थव्यवस्था, जैसे बैंकिंग, दूरसंचार, एफएमसीजी, फार्मास्युटिकल, जो एक ही उद्योग या क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय/ विदेशी म्यूचुअल फंड्स (International/ Foreign Mutual Funds)

विदेशी म्यूचुअल फंड्स या अंतरराष्ट्रीय म्यूचुअल फंड्स वे निवेश संविदान के होते हैं जो निवेशकों को विदेशी बाजारों में स्थित कंपनियों के सुरक्षाओं में पुनर्विनिवेश (Reinvestment) करने का विकल्प प्रदान करते हैं।इन फंड्स में निवेश करने से आप अपने पोर्टफोलियो को अंतर्राष्ट्रीय विविधता प्राप्त कर सकते हैं और विभिन्न भौगोलिक (Geographical) स्थानों की अर्थव्यवस्थाओं का लाभ उठा सकते हैं, और विदेशी बाजारों के विकास में हिस्सा ले सकते हैं।

रियल एस्टेट म्यूचुअल फंड्स (Real Estate Mutual Funds)

रियल एस्टेट म्यूचुअल फंड्स उन आर्थिक संस्थाओं (Economic Institutions) में निवेश करते हैं जो रियल प्रोपर्टी के क्षेत्र में अपना पैसा लगाते हैं। यदि आपको विश्वास है कि आने बाले सालों में रियल प्रोपर्टी के क्षेत्र में विकास होने की संभावना है, तो आप इस सेगमेंट में निवेश करने का विचार कर सकते हैं।

मार्केट न्यूट्रल म्यूचुअल फंड्स (Market Neutral Mutual Funds)

मार्केट न्यूट्रल म्यूचुअल फंड्स एक निवेश रणनीति (Investment Strategy) का उपयोग करते हैं जो बाजार के अलग-अलग कंडीशन में स्थिरता (Stability) बनाए रखने का प्रयास करते हैं। इन फंड्स का उद्देश्य होता है निवेश को अवसरों और जोखिमों के संतुलन से युक्त रखकर सुरक्षित और स्थिर रिटर्न प्रदान करना। ये फंड अक्सर गिरते और बढ़ते बाजारों के साथ मुकाबले में स्थिति बनाए रखने के लिए समर्पित होते हैं, जिससे निवेशकों को सामान्यत: न्यूट्रल परिणाम मिलते हैं।

संपत्ति आवंटन म्यूचुअल फंड्स (Asset Allocation Mutual Funds)

संपत्ति आवंटन म्यूचुअल फंड एक विशेष प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है जो निवेशकों के धन को विभिन्न संपत्तियों में वित्त प्रबंधित करता है। इसमें इक्विटी, डेट, और अन्य संपत्ति वर्गों के साथ-साथ सोना, रियल एस्टेट, और कमोडिटीज में भी निवेश किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य निवेशकों को विभिन्न संपत्तियों के माध्यम से वित्तीय उपयोग और संतोष प्रदान करना होता है।

पोर्टफोलियो प्रबंधन पर आधारित म्यूचुअल फंड (Mutual Fund Based On Portfolio Management)

पोर्टफोलियो प्रबंधन पर आधारित म्यूचुअल फंड को 2 भागों में बाटा गया है।

1.) एक्टिव म्यूचुअल फंड्स (Active Mutual Funds)

एक्टिव म्यूचुअल फंड्स निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प होते हैं जिन्हें पेशेवर फंड (Professional Fund) मैनेजर्स द्वारा मैनेज किया जाता है। ये मैनेजर्स फंड के पोर्टफोलियो में एक्टिव रूप से ट्रेडिंग करते हैं, अर्थात वे नियमित रूप से सिक्योरिटीज़ को खरीदते और बेचते हैं ताकि बाजार में अवसरों का उपयोग करके अधिक रिटर्न की प्राप्ति हो सके। इन फंड्स का उद्देश्य होता है कि निवेशकों को बेंचमार्क सूची को प्रदर्शित करने के लिए बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जा सके।

2.) पैसिव म्यूचुअल फंड्स (Passive Mutual Funds)

पैसिव म्यूचुअल फंड्स निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प होते हैं जो किसी स्पेसिफिक स्टॉक मार्केट लिस्ट या बेंचमार्क की प्रदर्शन की अनुकरण करने का उद्देश्य रखते हैं। इन फंड्स का पोर्टफोलियो इस प्रकार से तैयार किया जाता है कि वे फंड वही शेयर में शामिल किए जाते हैं जो सूची में होते हैं, और उनका अनुपात भी वैसा ही बनाए जाते है। यह निवेशकों को बाजार की गतिविधियों का सीधा प्रभाव नहीं होने देते हैं, जबकि वे सूची के साथ समर्थन करने का एक साधन प्रदान करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1. नंबर 1 म्यूचुअल फंड क्या है?

प्रत्येक निवेशक अपनी आवश्यकताओं और लक्ष्यों के अनुसारम्यूचुअल फंड्स चुन सके। इन फंड्स में विभिन्न निवेश क्षेत्रों की विशेष पहचान और उद्देश्यों के आधार पर विभाजित होने की क्षमता होती है, ताकि निवेशक अपनी वित्तीय लक्ष्यों की पूर्ति कर सकें। जोखिम सहिष्णुता, निवेश का दृष्टिकोण, और व्यक्तिगत आर्थिक लक्ष्यों के साथ मेल खाते हुए, व्यक्ति किसी भी विशिष्ट म्यूचुअल फंड को चुन सकता है।

 2. सबसे सुरक्षित म्यूचुअल फंड कौन सा है?

मनी मार्केट फंड्स, जिन्हें लिक्विडिटी फंड्स भी कहा जाता है, कम अवधि के बॉन्डों और अन्य लोकरीय सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं। ये फंड्स आमतौर पर बहुत कम समय के लिए निवेश किए जाते हैं और इसलिए उनकी लिक्विडिटी बहुत उच्च होती है। शॉर्ट-टर्म बॉन्ड फंड्स भी इसी तरह काम करते हैं, लेकिन वे विशेष रूप से शॉर्ट-टर्म समय के बॉन्ड्स में निवेश करते हैं। सरकारी बॉन्ड फंड्स उन फंडों को दर्शाते हैं जो सरकारी बॉन्ड्स में निवेश करते हैं, जिनमें सरकार गारंटी प्रदान करती है। इन प्रकार के फंड्स निवेशकों को अस्थिरता और हानियों को कम करने में मदद करते हैं, और उन्हें सुरक्षित और नियमित आय प्रदान करते हैं।

3. कौन सा म्यूचुअल फंड सबसे अच्छा है?

इक्विटी फंड्स
डेट फंड्स
बैलेंस्ड फंड्स
इंडेक्स फंड्स

4.  कौन सा म्यूचुअल फंड टैक्स मुक्त है?

भारत में, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) एक म्यूचुअल फंड है जो आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर लाभ प्रदान करता है। ELSS योजनाओं में इनआर 1.5 लाख तक के निवेश पर कर कटौती की पात्रता होती है।

5.  किस म्यूचुअल फंड में सबसे ज्यादा रिटर्न है?

इक्विटी म्यूचुअल फंड सबसे ज्यादा रिटर्न देते हैं। हालांकि, इसका रिटर्न विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है जैसे कि बाजार की स्थिति, निवेश की अवधि, और फंड के प्रबंधक का कौशल। इन फंड्स में निवेश करते समय निवेशकों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि इक्विटी मार्केट्स वोलेटाइल हो सकते हैं और प्रतिफल विवेकपूर्ण निवेश के आधार पर होता है। इसके अलावा, पूर्वानुमान करना अत्यंत मुश्किल हो सकता है, क्योंकि पूर्व का प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं होती।

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